आदमखोर जानवर ने पांच बकरियों को मार डाला
अरन्द गांव के खेत में अज्ञात जानवर के पंजे के निशान से ग्रामीणों में दहशत
शाहगंज
कोतवाली अंतर्गत अरन्द गांव में बीती रात आदमखोर जानवरों के झुंड ने स्वर्गीय चुल्लूर राजभर के एक मवेशी घर में हमला बोल दिया। इस दौरान वहां बंधी पांच बकरियों को मार कर मांस खा गया। घटनास्थल से काफी दूर खेत में आदमखोर इस जंगली जानवरों के पैरों का निशान साफ दिखाई दे रहे हैं। कुछ ग्रामीण इसे तेंदुआ और लकड़बग्घा बता रहे हैं। जंगली जानवरों के हमले से गांव में दहशत का माहौल बना है। फिलहाल यह पुष्टि नहीं हो सका कि कौन से जानवर का यह कारनामा है। सूचना के बाद हल्का लेखपाल मनीषा श्रीवास्तव दल बल के साथ मौके पर पहुंची।
उक्त गांव निवासी शीला देवी राजभर पत्नी स्व राजेंद्र प्रसाद उर्फ चुल्लूर रोजी-रोटी के लिए मजदूरी और बकरियां पालकर वह अपनी जीविका चलाती है। विधवा शिला का घर भरौली स्थित ताल के बिल्कुल किनारे सुनसान इलाके में हैं।
शीला देवी रोज की तरह अपनी चार बकरियों, एक बकरा और एक भैंस को चारा खिलाने के बाद गुरुवार रात्रि करीब ग्यारह बजे सोने चली गई। बीती रात बारिश भी खूब हो रहा था। इसी दौरान भोर में करीब तीन बजे पशु शाला से जानवरों के चिल्लाने और भैंस के कूदने की आवाज हुई। शीला देवी उठी जरुर लेकिन बारिश के चलते वह हिम्मत नहीं कर सकी। सुबह जब वह मवेशी घर में गई तो वहां पांचो बकरियों को मरा देख जोर से चिल्लाने लगी। इतने में पूरे गांव की भारी भीड़ जुट गई।
ग्रामीणों ने देखा की पांचो बकरियों को मारकर उनके बीच के हिस्से कलेजी व मुलायम मांस को निकाला हुआ था। जबकि इस मवेशी घर में बधी भैंस को आदमखोर ने नहीं छुआ।
गांव के प्रबुद्ध नागरिक रामनयन वर्मा ने मामले की जानकारी राजस्व विभाग और वन विभाग के अधिकारियों को दी।
हल्का लेखपाल मनीषा श्रीवास्तव और पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच कर घटना की छानबीन में जुट गए। लेकिन इतनी बड़ी वारदात के बाद वन विभाग का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं गया। इस बाबत लेखपाल मनीषा कहतीं हैं कि सूचना के बाद प्रातः आठ बजे गांव पहुंची। पांचों जानवरों के किसी जंगली जानवर ने काट खाया था। फिलहाल तहसील मुख्यालय पहुंच रिपोर्ट सौंप दिया गया है। यदि पशु पालक पात्र हुआ तो उसे सरकारी सहायता राशि उपलब्ध कराया जाएगा।