चंदवक, जौनपुर | ASTN ब्यूरो
राष्ट्रीय राजमार्ग 233 के निर्माण के लिए केराकत तहसील के अंतर्गत बीस गांवों की अधिग्रहित भूमि को लेकर बारह वर्षों से लंबित मुआवजा विवाद अब अपने समाधान की ओर बढ़ रहा है। इस संदर्भ में जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र सिंह ने शनिवार को डोभी ब्लॉक सभागार में किसानों संग बैठक की।
बैठक में संबंधित गांवों के अधिकांश प्रभावित किसान, तहसील प्रशासन और एनएचएआई के अधिकारी उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने सभी किसानों को प्रस्तावित सर्किल रेट की जानकारी दी और कहा कि जो किसान सहमत होंगे, उनके मुआवजे के निस्तारण की प्रक्रिया तत्काल आगे बढ़ाई जाएगी। असहमति जताने वालों की समस्याओं का अलग से समाधान खोजा जाएगा।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद तेजी आई प्रक्रिया में
जिलाधिकारी ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा उन्हें आर्बिट्रेटर (मध्यस्थ अधिकारी) नियुक्त किए जाने के बाद अब तक इस मुद्दे पर पांच बैठकें की जा चुकी हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि सभी सहयोग करें ताकि बारह साल पुराने इस विवाद का अंतिम समाधान किया जा सके।
अधिकांश किसानों ने जताई सहमति, दस्तखत भी किए
बैठक में अधिकांश किसानों ने मुआवजे की प्रस्तावित दरों पर सहमति जताई और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। जिलाधिकारी ने बताया कि सहमति देने वाले किसानों के लिए मुआवजा निर्धारण की प्रक्रिया अब तेजी से आगे बढ़ेगी।
किसान नेताओं और जागरूक किसानों का सम्मान
बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने किसान नेता अजीत सिंह की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से किसानों और प्रशासन के बीच बेहतर संवाद संभव हुआ है। इसके अलावा घोड़दौड़ के सूर्यनाथ सिंह, हरदासीपुर के रामेश्वर सिंह और जयप्रकाश सिंह, रसड़ा के जयप्रकाश राम, परसुपुर की उर्मिला देवी और बलुआ की लालती देवी को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
उपस्थित प्रमुख अधिकारी और किसान
इस अवसर पर एसडीएम राजेश कुमार चौरसिया, तहसीलदार महेंद्र बहादुर, नायब तहसीलदार हुसैन अहमद, एनएचएआई के इंजीनियर जितेंद्र कुमार, महेंद्र प्रजापति, भरत साहू, और कई किसान प्रतिनिधि जैसे वंश राज, अरविंद पांडेय, राधेश्याम यादव, मनोज पांडेय, राजेंद्र सिंह, समर बहादुर सिंह आदि उपस्थित रहे।